अनूप के बड़े भाई की शादी थी, और पूरे गाँव में उसकी धूम मची हुई थी। शादी के हर छोटे-बड़े काम में परिवार का हर सदस्य व्यस्त था। लेकिन अनूप के मन में कुछ उलझनें भी थीं। वह सोच रहा था कि उसकी ज़िन्दगी में इस वक्त सबसे बड़ी खुशी क्या है? क्या वह भी शादी करना चाहता है? या फिर इस शादी के मौके पर, उसे कुछ और ही महसूस हो रहा था, कुछ और ही तलाश थी। उसने आज तक शादी के बारे में कभी ज्यादा नहीं सोचा था, लेकिन आज कुछ अलग था। बड़े भाई की शादी के साथ-साथ, इस मौके पर गाँव के लोग आपस में मिलते-जुलते हुए एक-दूसरे से बातें करते और अफवाहें फैलाते, जो कुछ ही समय में पूरे गाँव में चर्चा का विषय बन जातीं।
अनूप के भाई की नौकरी एयरफोर्स में थी, इसलिए शादी के मौके पर दहेज की बातों का भी बाज़ार गर्म था। समाज में हर कोई यही कहता था कि अगर लड़का एयरफोर्स में है, तो दहेज का कोई सवाल ही नहीं है। लेकिन अनूप के मन में ये सवाल था कि ये सारी चीज़ें क्यों ज़रूरी हो गईं? क्या किसी की मेहनत और ख्याति का असली मतलब सिर्फ पैसों और उपहारों से है?